चांद के बाद अब सूरज की किरणों को चीर कर इतिहास रचेगा भारत/ Aditya L1

Aditya L1 launched india

नमस्कार दोस्तों आप सभी का हमारी वेबसाइट पर स्वागत है दोस्तों आज के आर्टिकल में हम आपको आदित्य एल 1 के बारे में बताने वाले हैं। जैसा कि आप सभी लोग चंद्रयान-3 के बारे में भली प्रकार से जानते हैं चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद पर लैंड हो गया है। वैसे ही अब ISRO (भारतीय रिसर्च अनुसंधान संगठन) द्वारा सूर्य पर पहुंच के लिए एक नया मिशन शुरू किया गया है। यह आदित्य l1 सूर्य की अध्ययन के लिए अंतरिक्ष का पहले भारतीय मिशन होगा। अगर चंद्रयान तीन की तरह हमारा आदित्य एल 1 भी सूर्य पर सफलतापूर्वक पहुंच जाता है तो यह हमारे भारत के लिए बड़ी गर्व की बात होगी। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान 3 चांद पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ था। यह दिन हमारे सभी भारतीयों के लिए बड़ी गर्व की बात है। हमारे भारत में चांद पर तो कदम जमा लिए हैं परंतु अब सूर्य की पहुंच के लिए आदित्य एल 1 लॉन्च होने जा रहा है।

जब से सूर्य के ऊपर कदम जमाने की बात सुनने को मिली है तब से लोगों के मन में आदित्य एल 1 को लेकर कई सवाल मन में उठ रहे हैं। जैसे कि आदित्य l1 क्या है। आदित्य एल 1 के पीछे का मुख्य उद्देश्य क्या है। कब लॉन्च होगा। इस प्रकार के कई सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं तो लिए उन सभी सवालों के जवाब आज के आर्टिकल में हम जानते हैं।Aditya L1 LAUNCHED INDIA

आदित्य l1 क्या है।(Aditya L1 kya hai)

वैज्ञानिकों द्वारा सूर्य का अध्ययन करने के लिए एक मिशन तैयार किया गया है उसे मिशन का नाम आदित्य l1 है। यह आदित्य एल 1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन होने वाला है। आदित्य l1 भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित एक सूर्य मिशन है। इस मिशन के तहत सूर्य के वायुमंडल और सूर्य की किरणों का अध्ययन किया जाएगा। जिसके कारण हम सूर्य की गतिविधि और पृथ्वी पर इसके प्रभाव के बारे में बेहतरीन तरीके से समझ पाएंगे।

जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि सूर्य हमारे सोर मंडल का केंद्र है जो कि हमारे ग्रहण और अन्य पिंडों को ऊर्जा एवं प्रकाश प्रदान करने का कार्य करता है। इस आदित्य एल्बम मिशन के तहत हमें सूर्य की गतिविधियों को जानने में सहायता प्राप्त होगी इसके साथ ही हमें सूर्य के वायुमंडल और कोरोना के संरचना और गतिशीलता तथा सूर्य प्लेयर्स और CMEs की उत्पत्ति और विकास के बारे में समझने में सहायता प्रदान करेगा

Aditya L1 launched india
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आदित्य l1 का मुख्य उद्देश्य क्या है।(Aditya L1 purpose)

आदित्य L1 को प्रक्षेपण के लिए तैयार किया गया है। आदित्य l1 का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा करने वाले उपग्रह की रक्षा करने में सहायता प्रदान करना है। क्योंकि सूर्य की गतिविधि से उत्पन्न सौर तूफान और द्रव्य उत्सर्जन पृथ्वी के उपग्रहों को नुकसान पहुंच सकता है।

इसके अलावा आदित्य l1 का उद्देश्य सूर्य पृथ्वी प्रणाली के लिए रेंज बिंदु के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करके सूर्य के व्यवहार में अभूतपूर्व अंतर दृष्टि प्रदान करना है।

आदित्य l1 के द्वारा हमें सूर्य के आसपास के वायुमंडल में हो रही गतिविधियों का आसानी से पता चल जाएगा जिससे पृथ्वी को होने वाले नुकसान से पृथ्वी को बचाया जा सकता है।

आदित्य एल्बम के सौर निगरानी उपकरण हमें पहले ही खतरों के बारे में सचेत कर देंगे जिससे हम उपग्रह को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर सकते हैं या फिर उन्हें बंद कर सकते हैं।

आदित्य एल1 की सफलता से फायदे (Aditya L1 benefite)

आदित्य एल 1 मिशन की सफलता से हमें बहुत ही ज्यादा फायदे होने वाले हैं जिस प्रकार हमें चंद्रायान-3 की सफलता से फायदे हो रहे हैं उसी प्रकार आदित्य एल 1 मिशन से भी हमें अनेक प्रकार के फायदे प्राप्त होने वाले हैं।

इस मिशन की सफलता से हमें सूर्य के बारे में अध्ययन करने में सहायता प्राप्त होगी।

अत्यधिक तेज तरंगों को रोकने में सहायता मिलेगी।

सूर्य की गतिविधि से उत्पन्न होने वाले सौर तूफान और द्रव्य उत्सर्जन जो पृथ्वी को नुकसान पहुंचा सकते हैं उन्हें कंट्रोल करने में सहायता प्राप्त होगी।

इससे हम वायुमंडल में होने वाली गतिविधियों का आसानी से पता लगा सकते हैं। ताकि पृथ्वी को होने वाले भारतीय नुकसान से पृथ्वी को बचाया जा सके।

इससे हमें सुर्य के कोरोना के बारे में भी संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी

सुर्य के वायुमंडल में ऊर्जा और पदार्थ के परवाह है के बारे में अध्ययन करने में सहायता प्राप्त होगी।

आदित्य l1 कब लॉन्च होगा।(Aditya L1 launched date )

आदित्य एल1 को सूर्य के बारे में गहनता से अध्ययन करने के लिए लांच किया जाएगा। इस आदित्य एल1 को लॉन्च करने के लिए संपूर्ण त्याग या हो चुकी है। इस आदित्य अलवान को श्री हरी कोटा के लॉन्चिंग सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इसरो का सूर्य मिशन आदित्य एल1 2 सितंबर 2023 यानी कल शनिवार को सुबह 11:50 बजे श्री हरी कोटा से लांच किया जाएगा। इसके लिए आज शुक्रवार को सुबह 11:50 पर काउंटडाउन भी शुरू हो गया है। यह भारत का पहला मिशन है इसलिए इसरो द्वारा सूर्य मिशन को लेकर काफी ज्यादा सावधानियां भी बढ़ती जा रही है एवं इसको लॉन्च करते समय काफी ज्यादा बातें भी ध्यान में रखी जाएगी।

आदित्य l1 सूर्य से कितनी दूरी पर होगा

आदित्य l1 को पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूरी तक भेजा जाएगा। इस हिसाब से आदित्य एल्बम अंतरिक्ष यान और पृथ्वी के बीच की दूरी लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की होगी। हमारी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी लगभग 150 मिलियन किलोमीटर है। 150 मिलियन किलोमीटर की दूरी में से अंतरिक्ष यान द्वारा 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी ही तय की जाएगी यानी की सूर्य एवं आदित्य अलवान अंतरिक्ष यान के बीच 148.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी होगी।

note:- दोस्तों यदि आप आदित्य L1 का सीधा प्रसारण देखना चाहते हैं तो यूट्यूब पर ISRO का चैनल है जिस पर जाकर आप आदित्य L1 का लाइव सीधा प्रसारण देख सकते हैं|

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